GST चोरी पर सरकार का action

 

GST चोरी करने वालों का अब बजेगा तबला, सरकार ने शुरू की ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ ट्रैकिंग सिस्टम प्रणाली


GST चोरी करने वाले सावधान हो जाएं। सरकार अब टैक्स चोरी करने वाले को बक्सने के मूड में नहीं है। सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ ट्रैकिंग सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है। आपको बता दें कि 53वीं जीएसटी परिषद की बैठक में कर चोरी रोकने के लिए ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ प्रणाली को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके तहत वस्तुओं या पैकेट पर एक विशिष्ट चिह्न लगाया जाएगा।
 


इससे सप्लाई चेन में उनको ट्रैक करना आसान होगा। ट्रैक करने से कारोबारियों के लिए टैक्स चोरी करना संभव नहीं होगा। 
इस तरह सामानों की ट्रैकिंग की जाएगी 
वित्त मंत्रालय ने यहां परिषद की 55वीं बैठक में लिए गए निर्णयों की के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह प्रणाली विशिष्ट पहचान चिह्न पर आधारित होगी, जिसे उक्त वस्तुओं या उनके पैकेट पर चिपकाया जाएगा।
 इससे ऐसी प्रणाली विकसित करने के लिए कानूनी ढांचा उपलब्ध होगा और आपूर्ति श्रृंखला में निर्दिष्ट वस्तुओं का पता लगाने के लिए तंत्र के कार्यान्वयन में मदद मिलेगी। 
इसमें कहा गया है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि अपंजीकृत प्राप्तकर्ताओं को ऑनलाइन मनी गेमिंग, ओआईडीएआर सेवाओं आदि जैसी ‘ऑनलाइन सेवाओं’ की आपूर्ति के संबंध में, आपूर्तिकर्ता को कर चालान पर अपंजीकृत प्राप्तकर्ता के राज्य का नाम अनिवार्य रूप से दर्ज करना आवश्यक है और प्राप्तकर्ता के राज्य का ऐसा नाम आईजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 12(2)(बी) के प्रयोजन के लिए प्राप्तकर्ता के रिकॉर्ड में दर्ज पता माना जाएगा।

क्या पुरानी EV खरीदने पर लगेगा 18% GST

GST परिषद ने शनिवार को कारोबार में इस्तेमाल के लिए खरीदी गई पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ी के मार्जिन मूल्य पर 18 प्रतिशत GST लगाने का फैसला किया। परिषद से साथ ही विमान ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी व्यवस्था से बाहर रखने पर सहमति जताई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि राज्य विमान टरबाइन ईंधन को माल एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने पर सहमत नहीं हैं। 

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया, क्योंकि मंत्रियों के समूह (जीओ) को इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए अधिक समय की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि बीमा नियामक इरडा सहित कई पक्षों से सुझावों का इंतजार है। 

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