इंफोसिस के CO-Founder kris Gopalakrishnan और 17 अन्य पर बेंगलुरु में ST/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज
बेंगलुरु पुलिस ने शहर की 71वीं सिविल एवं सत्र अदालत के निर्देश पर सोमवार, 27 जनवरी को मामला दर्ज किया।
Infosys के co-founder सेनापति kris Gopalakrishnan, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) के पूर्व निदेशक बलराम और 16 अन्य के खिलाफ SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। बेंगलुरु पुलिस ने शहर की 71वीं सिविल और सत्र अदालत के निर्देश पर सोमवार, 27 जनवरी को मामला दर्ज किया।
यह मामला IISC के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी के पूर्व संकाय सदस्य दुर्गाप्पा द्वारा दायर की गई शिकायत से उपजा है। आदिवासी बोवी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दुर्गाप्पा ने आरोप लगाया कि उन्हें 2014 में हनी ट्रैप मामले में झूठा फंसाया गया था, जिसके कारण उन्हें संस्थान से निकाल दिया गया था।
दुर्गाप्पा ने IISC के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य गोपालकृष्णन और कई अन्य संकाय सदस्यों पर कथित गलत बर्खास्तगी की साजिश रचने का आरोप लगाया। FIR में IISC के निदेशक गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर और संध्या विश्वेश्वरैया सहित कई प्रमुख शिक्षाविदों के नाम शामिल हैं। Infosys के co-founder kris Gopalakrishnan 2007 से 2011 तक कंपनी के CEO तथा 2011 से 2014 तक उपाध्यक्ष रहे।
2011 में पद्म भूषण से सम्मानित गोपालकृष्णन ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष तथा दावोस में विश्व आर्थिक मंच के सह-अध्यक्ष जैसे प्रतिष्ठित पदों पर भी कार्य किया है।
आरोपों के संबंध में गोपालकृष्णन या IISC की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
मामला और कानूनी निहितार्थ
दुर्गाप्पा की शिकायत में IISC के वरिष्ठ शिक्षाविदों और प्रशासकों द्वारा सत्ता के कथित दुरुपयोग पर प्रकाश डाला गया है। उनका दावा है कि उनकी स्थिति और विश्वसनीयता को कम करने के लिए उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के खिलाफ अपराधों से निपटने में सख्त है, और दोषी पाए जाने पर कारावास सहित गंभीर दंड हो सकता है।
इस खबर ने ऑनलाइन काफी दिलचस्पी पैदा कर दी है, गूगल पर “kris Gopalakrishnan” के लिए खोजों में उछाल आया है। कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और झारखंड जैसे राज्यों में सबसे ज़्यादा खोज की गई।
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